मैं कमोड हूँ . आदमी की असंख्य अद्भुत अविष्कारों में से एक .
जी हाँ कलयुग की सबसे बड़ी खोज , बिलकुल facebook की तरह जहाँ ,
कम से कम एक बार जाना तो आदमी की मजबूरी है .
मैं वो HOT SEAT हूँ जिसे ग्रहण करते ही आदमी की कल्पनाये
अंगडाई लेने लगती है सोच विचार के तंतु जाग उठते हैं .
इसीलिए मैं लेखको , चिंतको , और विचारशील लोगो की पहली पसंद हूँ .
मेरा आसन ग्रहणकर न जाने कितने कहानियों , काव्यो , और अविष्कारों का जन्म
संभव हुआ .
आज जब आदमी की निजता (privacy) खतरे में है ,
मैं ही उसे नितांत एकांत उपलब्ध कराता हूँ .
यहाँ सिर्फ विचारों का ही आना संभव है ,
मैं ही वो एक मात्र जगह हूँ जहाँ पत्निया भी पति को
प्रताड़ित करने नहीं आ सकती है .
नकली चेहरों की दुनिया में मैं आदमी के व्यक्तित्व का आइना हूँ ,
जिसके यहाँ मैं साफ सुथरा मुस्कराता handsome दिखू तो ,
आदमीको साफ सुथरा समझना ,
रोता बदबूदार दिखू तो तौबा तौबा करना
सच्चा हो या झूठा ,पापी हो या सदाचारी ,
मैं ही वो हमाम हूँ जहाँ सभी नंगे हैं ,
और चलते चलते दुःख की घडी में जब तुम्हे रोने को ,
कोई कंधा न मिले ,छलकते आसुओ को छुपाने की कोई
जगह न मिले , मैं माँ की गोद की तरह हूँ
जहा बच्चा रोता है फूट फूट कर सकून पाने को .....
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umda shabd pravah....badhiya
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