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Wednesday, March 28, 2012

चंद लाइने जो दिल्ली के वरिष्ठ  ips अधिकारी तजेंद्र सिंह लूथरा  के प्रथम काव्य संग्रह --अस्सी घाट का बांसूरी वाला -- से ली गयी हैं ...स्रोत ...इंडिया टुडे 

ढूँढोगे तो सन्दर्भ भी मिल जायेंगे मेरी कविताओं के 
निकालोगे अर्थ 
तो निकल आएंगे मेरे प्रतीकों के
कोशिश करोगे तो पहचान ही लोगे मेरे बिम्बों को  
पर क्या फायदा 
मुझे कहने दो ये बाते 
लुके छिपे ढंग से !
                 

Sunday, March 18, 2012

.परीक्षा फल

परीक्षा  फल  के भय से आदमी को जीवन भर मुक्ति नहीं मिलती ,ऐसा मसूस होता है  जब अपने बच्चो का परीक्षा  फल  देखने उनके स्कूल जाता हूँ !वही भय और बेचैनी  महसूस  करता हूँ !कल ये भय अपने लिए था आज बच्चो के लिए है और इस प्रकार लगता है की उम्र भर रहेगा !..........आज जाना है स्कूल .....

BRAVO - SACHIN

कल की 52 रनों की पारी ने सचिन के आलोचकों को एक बार फिर से जवाब दे दिया है !और आज उनके खिलाफ ज्यादा कुछ दिख भी नहीं रहा है !पता नहीं कुछ बुध्धिजीवी ऐसी प्रतिक्रिया देने में क्यों लगे है मानो सचिन ने 100 शतक बंगलादेश के खिलाफ ही लगाये है !........मैं हैरान रह जाता हूँ कि....कैसे 22 सालो तक देश का परचम बुलंद कर भी कोई  देश भक्त नहीं बन पाता, कोई घर में टीवी पर मैच देख कर ही देश भक्त बन जाता है ! क्रिकेट कि ऐसी विलक्षण योग्यता को मेरा सलाम ! 

Friday, March 16, 2012

घटिया पत्रकारिता

कल स्टार न्यूज़ पर घटिया पत्रकारिता देखने को मिली ,जब उसके दो होनहार पत्रकार इतने उत्तेजित दिखे मानो वो विनोद काम्बली और सबा करीम के मुह में उंगली डालकर बस एक ही बात कहलवाना चाह रहे थे... कि सचिन कि धीमी बल्लेबाजी ही भारत कि हार का कारण बनी !कोई उन गधो से ये पूछे कि क्या दोनों छोर से  सचिन ही बैटिंग  रहे थे! २९० का स्कोर क्या कम था जो हमारे गेंदबाज बचा नहीं सके !ऐसा लगा मानो  ये घटिया पत्रकार एक महानआदमी की महान उपलब्धि पर कीचड़ उछाल कर अपनी बची खुची  होली मना रहे थे !

Wednesday, March 14, 2012

कभी कभी ऐसा होता है

इंडिया  टुडे  पर पढ़ा देश के अरबपति वारिसो के बारे में  आप भी रूबरु हो लीजिये
               नाम                उम्र             समूह                              मार्केट पूँजी
१. आदित्य बर्मन          ३२ वर्ष          डाबर                             18000  करोड़
२.करण अदानी            २४ वर्ष          अदानी                           82800  करोड़
३.राखी कपूर                27 वर्ष           येसबैंक                         12000 करोड़
४.उपासना कमिनेनी    25 वर्ष        अपोलो अस्पताल                7700 करोड़
५. सिद्धार्थ माल्या        २४ वर्ष        यु बी                                 22000 करोड़
६. आदित्य मित्तल       35  वर्ष       अर्सेल्लर मित्तल                  162000 करोड़

    इनके बारे में पढ़ा अपने बारे में जाना -------
७.  ब्रजेश कुमार           ३८ वर्ष        मार्बल हाउस        कुल जमा पूंजी -- १६२८७८ रुपये मात्र

 कभी कभी  ऐसा होता है दुसरो के बारे में पढ़ कर अपने बारे में पता चल जाता है !

Saturday, March 3, 2012

रिमोट का सुख

मनुष्य स्वाभाव से ही रोऊ प्राणी है ,उसे तो   बस रोने का बहाना चाहिए !आप आश्चर्य करेंगे की कैसे छोटी छोटी चीजे जीवन में दुःख का कारण बन  जाती हैं !आजकल मैं दुखी हूँ कि मेरे नसीब में रिमोट का सुख नहीं है !आप हँसिये पर मेरा दर्द भी महसूस कीजिये,रिमोट कोई साधारण सी चीज  नहीं रही अब!मैंने ये हमेशा ये महसूस किया है की यदि टीवी देखते समय रिमोट आपके हाथ में नहीं है तो आप दुनिया के सबसे बेवकूफ आदमी है !आप देखना कुछ चाहते है और रिमोटी,अर्थात रिमोट वाला व्यक्ति आप को कुछ और दिखाता रहता है !अगर रिमोटी confujed है की उसे क्या देखना है तो फिर आपका भगवान्  ही  मालिक  है,क्यूकि हर मिनट वह बोका रिमोटी चैनल बदल देता है और आप बंदरो की तरह इस चैनल से उस चैनल पर गुलाटी मारते रह जाते है ! इस लिए टीवी तभी देखे जब रिमोट आपके हाथ में हो !


मेरी समस्या कुछ अलग है !मेरी भोजनदाता प्रिय पत्नी ने दस वर्ष पूर्व वचन लिया था की जानू कम से कम रात का भोजन टीवी देखते साथ ही करेंगे !वचन देते समय मैंने ये कब सोचा था कि जानू कह कर मेरी जान निकालने का प्रबंध हो रहा है !तब जिस आग्रह में मुझे प्यार दिखाई दिया था आज उसमे घोर यातना दिखाई देती है !साहब !रिमोट छोडती ही नहीं और बलात लेने का साहस मैं जुटा नहीं पाता क्योंकि एक तो वचनबद्ध  दूसरा हंगामे का भय और तीसरा भोजन  जाना तय!तो खतरा उठाने के बजाय मै बोका मानुष कि तरह टीवी देखते रहना ही पसंद करता हूँ !और आनंद लेता हूँ रिमोट पर पत्नी के पियानो प्रदर्शन का ! क्रूर यातना से भरे होते  है मेरे दैनिक जीवन के ये  दो घंटे! गुजरता रहता हूँ कई सीरियलों में से एकसाथ और इस निष्कर्ष पर पहुंचता हूँ कि .........................


....................नारी अब महान नहीं रही शायद .............ऐसा टीवी सीरियल बताते है! हर तरफ षड़यंत्र  करती नारी है ! माँ बेटे के खिलाफ ,पत्नी पति के खिलाफ ,बहन भाई के खिलाफ ,नारी हर जगह षड़यंत्र     कर रही है और घोर  आश्चर्य पुरुष पात्र नाच रहे है उनके इशारों पर! कैसा साहित्य लिखा जा रहा है,कैसे कैसे पात्र गढे जा रहे हैं!मानो हमारे नैतिक मूल्यों पर कर्फू लगा कर कहानियो में उनका प्रवेश वर्जित कर दिया गया है ! पर आज कि नारी खुश है अपनी आजाद और बिंदास छवि को देख कर !ऐसा मैं इसलिए कह पा रहा हूँ कि कभी इन सीरियलों के विरुद्ध मैंने किसी नारी के विरोध के स्वर नहीं  सुने,उलटे इन सीरियलों के प्रति उनकी दीवानगी मुझे बेचैन कर देती है !


लेखक होना तो बड़ी जिम्मेदारी का कम है ,उसे अपनी अगली पीढ़ी के लिए ऐसे साहित्य का सृजन करना होता है जो उनमे नैतिकता के बीज बो सके !पर इन सीरियलों को देख कर मुझे ऐसा लगता है की लेखको को समाज को दूषित करने के लिए वैम्पो  को तैयार करने के मिशन पर लगाया गया है!
हमारी महान नारी दम तोड़ रही है ,पर आज की नारी इसके लिए चिंतित नहीं !मुझे भी  इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए !जिसके चरित्र का हनन हो रहा है आवाज भी उसे ही उठानी चाहिए !ऐसा लगता है आज के लेखक अपने निर्माता और निर्देशक के रिमोट से नियंत्रित होरहे है !


इसलिए कहता हूँ किआप रिमोट को हलके में नहीं ले सकते रिमोट राजा के दंड कि तरह है शक्ति का प्रतीकऔर मिलेगा भी शक्तिशाली हाथो में !नारी शक्ति के हाथो में !जिसके हाथ रिमोट दिखे समझिये वही घर का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति है!


बच्चो के लिए रिमोट वाली कार बनाने वाले ने कब सोचा था कि एक दिन रिमोट से सरकार भी चलायी जा सकेगी और घोर आश्चर्य उसका रिमोट भी किसी नारी के ही हाथो में होगा !मेरा विश्वास  करे मेरी बाते बेतुकी नहीं है आने वाला समय रिमोट का है अब आदमी कि सम्पन्नता महंगे मोबाइल और ज्वेलरी  से नहीं रिमोट से तय होगी कि किसके पास कितने रिमोट है और कहाँ कहाँ के !मै चिंतित भी इसी लिए हूँ कि सबकुछ  होते हुए भी  मेरे नसीब में रिमोट का सुख नहीं है !   
                                                                                                                            ब्रजेश